GST

Offences and Penalties under GST Act

अर्जुन: भगवन, सादर प्रणाम! पेनल्टी शब्द से क्या अभिप्राय हैं?
कृष्ण: वत्स! एक अस्थायी सजा या धन का योग कानून के अनुसार, सजा के रूप में लगाया जाना। 
अर्जुन: भगवन ! क्या GST अधिनियम में कोई पेनल्टी का प्रावधान हैं?
कृष्ण: अर्जुन! प्रत्येक अधिनियम में पेनल्टी का प्रावधान अवश्य होता हैं। बिना पेनल्टी के प्रवाधान के कानून की पालना नहीं हो सकती। इसलिये कानून की पालना के लिए अधिनियम में पेनल्टी का प्रावधान अवश्य हो जाता हैं। 
 
अर्जुन: भगवन! GST अधिनियम में पेनल्टी के प्रावधान के बारे में बताईये?
कृष्ण: GST अधिनियम के अनुभाग 122 में कुछ अपराधों के लिए पेनल्टी दी गयी हैं। 
 
जहाँ एक कर योग्य व्यक्ति जो-
 
1.बिना बिल के या गलत बिल के साथ सप्लाई करना।
2. बिना सप्लाई के बिल जारी करना।
3. टैक्स इक्कट्ठा करके रख लिया और देय(due) तिथि से 3 महीने के भीतर नहीं भरा।
 
         उदाहरण के तौर पर जैसे-
Mr. A जिसने 15 मई 2019 को Mr. B को Rs.10,000+ 18% GST पर माल बेचा। Mr. B ने Mr. A को 22 मई 2019 को 11,800 रुपए दिए। टैक्स जमा करने की देय तिथि 20 जून 2019। अगर Mr. A टैक्स के 1800 रुपए सरकार को देय तिथि से तीन महीने तक यानी कि 19 सितम्बर 2019 तक जमा नहीं करता हैं तो वह पेनल्टी के लिए उत्तरदायी होगा ।
4. इस कानून के विरुद्ध टैक्स ( जहाँ जरूरी नहीं) इक्कट्ठा करके रख लिया और 3 महीने तक नही भरा।
5. टीडीएस नहीं काटा या कम काटा और भरा भी नहीं।
6. टीसीएस नहीं काटा या कम काटा और भरा भी नहीं।
7. बिना माल/सेवा प्राप्त किए इस कानून के विरुद्ध आईटीसी (Input Tax Credit) लिया।
8. रिफंड फ्रॉड करके ले लिया।
9. इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर ने आईटीसी डिस्ट्रीब्यूट गलत कर दिया या आईटीसी गलत ले लिया।
10. टैक्स चोरी के उद्देश्य से रिकॉर्ड में हेरफेर करना।
11. लॉ के अनुसार GST में रेजिस्ट्रेशन करवाना था लेकिन करवाया नहीं
12. रेजिस्ट्रेशन के वक़्त गलत जानकारी दी या गलत पेपर दिया।
13. किसी अधिकारी को उसकी ड्यूटी निभाने से रोकने पर।
14. माल का ट्रांसपोर्टेशन बगैर डॉक्यूमेंट के किया।
15. टैक्स चोरी के उद्देश्य से टर्नओवर को छिपाया।
16. बुक्स और अन्य जरूरी डाक्यूमेंट कानून के अनुसार नहीं बनाए तो या  बुक्स और अन्य जरूरी डाक्यूमेंट कानून के अनुसार नहीं रखे।
17. किसी अधिकारी को आवश्यक डॉक्यूमेंट नहीं दिए या किसी अधिकारी को गलत दस्तावेज देने की स्थिति में।
18. किसी माल की सप्लाई/परिवहन/भंडारण जब्त करने के लिए उत्तरदायी
19. दूसरे का रजिस्ट्रेशन नंबर उपयोग करके बिल या कोई डॉक्यूमेंट जारी करना।
20. किसी भी दस्तावेज में हाथ से हेरफेर किया गया हो।
21. कोई माल जब्त किया और उसमें कोई छेड़छाड़ की गई हो।
अर्जुन: भगवन! अनुभाग 122 में दिए गए पेनल्टी की मात्रा क्या हैं?
कृष्ण: अर्जुन! अनुभाग 122 (1) के अनुसार अगर कोई कर योग्य व्यक्ति अनुभाग 122 में दिए गए अपराधों का भागी पाया जाता हैं तो वह निम्न दो में से जो भी ज्यादा अमाउंट होगा वो देने के लिए उत्तरदायी होगा-
 
1. दस हज़ार रूपये; या
2.1 टैक्स चोरी के बराबर की राशि; या
2.2 टीडीएस नहीं काटा या कम काटा या काटा लेकिन सरकार को जमा नहीं करवाया; या
2.3 टीडीएस  इकट्ठा नहीं किया या कम इकट्ठा किया या इकट्ठा किया लेकिन सरकार को जमा नहीं किया; या
2.4 इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लिया या गलत तरीक़े से वितरित किया 
2.5 रिफंड का अमाउंट जो फ्रॉड से लिया ।
 
उदाहरण के तौर पर जैसे-
Mr. A जो GST कानून में रेजिस्ट्रेशन के लिए उत्तरदायी हैं लेकिन निर्धारित समय के अंदर खुद को रजिस्टर नहीं करवाता हैं । रेजिस्ट्रेशन ना करवाने के कारण , Mr. A द्वारा 9260 रुपए की टैक्स चोरी की गई।
अब Mr. A. पर निम्न दो में से जो ज्यादा होगा उतनी राशि पेनल्टी के रूप में वसूली जाएगी।
1. Rs. 10,000/-
2. टैक्स चोरी के बराबर की राशि – Rs. 9260
इस प्रकार, Mr. A 10,000 रुपए पेनल्टी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा। 
अर्जुन: भगवन! अगर कोई पंजीकृत व्यक्ति (Registered Person) किसी माल या सेवा की आपूर्ति कर देता हैं लेकिन सरकार को टैक्स जमा नहीं करता या कम जमा करता हैं तो क्या उस अपराध पर भी कोई पेनल्टी का प्रावधान हैं?
कृष्ण: हे अर्जुन! GST अधिनियम के अनुभाग 122 (2) यदि किसी पंजीकृत व्यक्ति ने किसी सेवा या माल की आपूर्ति की हैं लेकिन उस पर टैक्स का भुगतान नहीं किया हैं या भुगतान कम किया हैं या गलत तरीके से रिफंड लिया हैं या गलत तरीके से इनपुट ले लिया हैं या उसका गलत उपयोग कर लिया हैं तो-
 
1. अगर ये सब जानबूझकर नहीं किया गया है तो 10 हज़ार या 10% टैक्स चोरी का, दोनों में जो भी ज्यादा होगा वो पेनल्टी के रूप में लगेगा। 
2. अगर ये सब फ्रॉड के उद्देश्य से किया गया हैं तो 10 हज़ार या जो टैक्स लेना बाकी हैं , दोनों में से जो भी ज्यादा हो, भरना पड़ेगा ।
अर्जुन: भगवन! क्या किसी अन्य व्यक्ति के लिए भी कोई पेनल्टी निर्धारित हैं?
कृष्ण: हाँ, अर्जुन! अनुभाग 122 (3) के अनुसार यदि कोई व्यक्ति ऊपर दिए गए 21 अपराध को करने में मदद करता हैं या किसी माल को ट्रासंपोर्ट कर रहा हैं और उसे मालूम हैं कि ये कानून के विरुद्ध हैं और माल रास्ते मे पकड़ा जा सकता हैं या कोई समन मिला और अधिकारी के सामने उपस्थित नहीं हुआ तो या इस कानून के अनुसार बिल जारी नहीं किया तो इन सभी केस में 0 से लेकर 25,000 रुपए तक कि पेनल्टी लगाई जा सकती हैं।
अर्जुन: हे माधव! किसी भी अन्य अपराध के लिए जो किसी भी अनुभाग में नहीं बताए गए हैं उनके लिए क्या पेनल्टी का प्रावधान हैं?
कृष्ण: अर्जुन, अनुभाग 125 के अनुसार कोई व्यक्ति जो अधिनियम या उसके किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करता हैं जो इस अधिनियम के तहत बनाए गए हैं जिनके लिए कोई अलग से जुर्माना नहीं हैं , उनके लिए पेनल्टी 0 से लेकर 25000 रुपए तक लग सकती हैं।

 

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